Header Ads

Main Baraste Badal Sang - मैं बरसते बादल संग Hindi Poem Written by Amrit Sahu

	
Main Baraste Badal Sang - मैं बरसते बादल संग Hindi Poem Written by Amrit Sahu



मैं बरसते बादल संग (कविता )

विद्यालय से घर आ रहा था मैं
उस वक्त काले बादल छाये थे 
पर्वत पर मंडराये थे 
लगा कि घर बिना भीगे पहुँच जाऊँ
डर था इस बारिश की चपेट में न आऊँ 
पर जो होना नहीं था वही हुआ
हो जैसे कोयले से बने काजल 
जोरो से बरस पड़े बादल 

शाम का समय घनघोर अंधकार 
मुझे केवल चलना था 
चाहे पड़े बारिश की बौछार 
या झेलना पड़े हवा की टकरार 
बिजली की गर्जन से दिल धड़क उठा 
फिर भी करना था मुझे सड़क पार 
क्योंकि शाम का समय घनघोर अंधकार 

बड़ी-बड़ी वर्षा की बूँदे तन पर पत्थर सी पड़ती
सब बुद्धिमान मैं पागल सा अकेला 
सड़क पर चारो ओर सुनापन 
दिल मे अजीब सी हलचल 
बढ़ रही थी धड़कन पल-पल 
मन कहता कहीं ठहर जाऊँ 
क्यों भटकता तड़पता हुआ घर जाऊँ 
पर मस्तिष्क साथ न देता क्योंकि 
रात होने पर कोई हाथ न देता 
बड़ी विचित्र थी मौसम की माया 
बिना रुके मैंने दिल को समझाया 
कि भले सोच मस्तिष्क की अजीब हैं 
पर मंजिल बहुत करीब हैं 
चलते जाओ न रुको राह में 
यहीं सोचता मैं बार-बार
शाम का समय वो घनघोर अंधकार
ऊर्जा-उत्साह पानी में न बह जाए संभाले मैं चलता 
कभी कदम रुकता तो कभी मचलता 
कैसे भी करके 
घर पहुँच गया मैं अमृत 
मुश्किल परिस्थिति से मैं गया जीत। 

No comments

Best 57+ Heartwarming Happy Maundy Thursday Quotes, Wishes, and Greetings to Spread Love and Blessings

  Best 57+ Heartwarming Happy Maundy Thursday Quotes, Wishes, and Greetings to Spread Love and Blessings Maundy Thursday Date: 28 March 2024...

Powered by Blogger.