Andhkar Me bhi Prakash Hai -अंधकार में भी प्रकाश है Hindi Poem on " there is light even in the dark" written by Amrit Sahu
अंधकार में भी प्रकाश है
[कविता के बारे में -मुझे चांदनी राते बहुत पसंद है मैं जब भी रात को अपने आंगन में आकर उस शांत अंधेरे आकाश की ओर देखता हूं तो मुझे बड़ी शांति महसूस होती है और काले अंधेरे पेड़ मुझे अपने से लगते हैं मुझे चांदनी रात इसलिए अच्छी लगती है क्योंकि रात का हल्का अंधकार वर्तमान की अच्छाई और बुराई दोनों को छिपा देता है और मुझे बचपन की यादों को स्वच्छंद रूप से एवं शांतिमय ढंग से सोचने का मौका देता है]
क्यों रात का अंधेरा
मुझे बचपन की याद दिलाता है
और चांद का प्रकाश दिल में बस जाता है
अंधेरा वर्तमान को दबा देता है
और बचपन का प्रकाश दिखा जाता है
सूनी गलियां दिल को शांति पहुंचाती है
तो कहीं काले पेड़ अपनापन दे जाती है
हल्की ठंडी पवन मन को पावन कर जाती है
धुंधली यादों के सुनहरे सपनों में खो जाती है
आकाश की ओर देखा तो तारे कुछ
कहने लगे बचपन की बातें
वो स्वच्छंद घूमना और वह सुंदर राते
कहीं ढूंढने लगा दिल मेरा
उस सुनहरे पल को पर
उजाले में नहीं अंधेरे में क्यों
शायद रात मेरे दिल के करीब है
अभी भी सोचता हूं
क्यों बचपन की रंगीन दुनिया और उमंग
ढूंढता मैं अंधेरे के संग
मेरी रात दुनिया को खामोश कर देती है
और मेरे वह सुख चैन वापस कर देती है
उठती सागर की तरंग जो कभी
मेरे अपने थे आज जो सिर्फ मेरे सपने हैं
अंधेरा तनाव और बोझ छिपा देता है
हर दर्द को मिटा देता है
इसलिए रात का अंधेरा
मुझे बचपन की याद दिलाता है
और चांद का प्रकाश यूं दिल में बस जाता है
कवि - अमृत साहू
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