Pradushan Ki Ek Jhalak - प्रदूषण की एक झलक Hind Poem on " A glimpse of Pollution" written by Amrit Sahu
Slide Down To Read In English
प्रदूषण की एक झलक
[ कविता के बारे में :- इस कविता में प्रदूषण की
छोटी सी झलक प्रस्तुत की गई हैं।
इसको सबसे अच्छा उदाहरण हम यात्रा करते
अथवा स्टेशन में खड़े रहकर अनुभव कर सकते हैं। ]
घुमने की ख्वाहिश में
चला सामान बांधकर
उस राह की ओर मैं मुड़ा
जो शांति से हैं जुड़ा
न सुबह देखा न शाम
केवल चलना था अब मेरा काम
वैसे मिल जाएगा अंत में आराम
स्टेशन पहुच कर देखा अंजाम
मिल रहे थे लोगो को कई इनाम
सुंदरी को सोन की बाली मिले
बुढ़िया भिखारीन को गाली मिले
धक्का-मुक्की से कोई गिर पड़ा
किसी का दिल पिघल गया
इसलिए कोई गिरकर संभल गया
पर कोई सचमुच गिरा इंसान हैं
फिर भी उसकी शान हैं
बड़ी फिसली हुई जीभ थीं
वहाँ की बात अजीब थीं
वहाँ खुश होकर धूल नाच रहे थे
फूलो की खुश्बु खोती हर घड़ी
नालियां उछल-कुदकर रो पड़ी
हद पार हुई कि मक्खी-मच्छर
बेचते नजर आए फल सब्जी सुंदर-सुंदर
इंसान लगते भीड़ में बंदर की तरह
सब भूल कर मैंने
इंतजार किया ट्रेन का
उस खुशी और चैन का
आई ट्रेन, राहत मिली ।
कवि :- अमृत साहू
English Translation of the Above Poem
A Glimpse of Pollution
[About the poem: A small glimpse of pollution has been presented in this poem.
The best example of this we can experience while traveling or standing in the station.]
wishing to travel
tying things up
towards that path i turned
those who are at peace
neither morning nor evening
just had to walk now my job
Well you will get rest in the end
reached the station and saw the result
People were getting many rewards
Beautiful women gets a gold earring
The old beggar gets abused
someone fell from a bang
someone's heart melted
so someone fell and recovered
But there is really a fallen person
yet he is proud
big slippery tongue
it was weird
there were happy dust dancing
Every moment loses the fragrance of flowers
the drains cried
exceeded the limit that the fly-mosquito
Fruits and vegetables were seen selling beautiful-beautiful
Human looks like a monkey in a crowd
i forgot all
waited for the train
that happiness and peace
Train came, relieved.
Poet :- Amrit Sahu
Post a Comment