Surya Prakash Ke Baare Me - सूर्य प्रकाश के बारे में Hindi Poem on "About Sun light" Written by the Amrit Sahu
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सुर्य-प्रकाश के बारे में (कविता)
मंदिर की मुरत
चॉंदनी सुरत
घर-घर देता हैं प्रकाश
जमीन पर न रहता हैं
घर हैं इसका सारा आकाश
सात रंग होते हुए भी
सादा जीवन जीता हैं
ग्रीष्म ऋतु में प्यास लगे तो
नदी, समुद्र का जल पीता हैं
देवो में शक्तिशाली यह
सूर्य देव हैं नाम तुम्हारा
नव ग्रह हैं इसके रक्षक
गर्मी देना काम तुम्हारा
सुर्य किरणों के दम पर
पेड़ो ने हरियाली पाई हैं
इसकी चमक-धमक से ही
चॉंद में शीतलता आई हैं
धरती घूमती हैं चौबीसों घंटे
सुर्य प्रकाश पाने को
सुर्य प्रकाश हैं उत्तम ऊर्जा
व्यर्थ न इसकों जानें दो
सुर्य डूबने जब लगेगा
धरती में अंधेरा छा जाएगा
सारी दुनिया तब छोटी सी
गलियों में सिमट कर रह जाएगा ।
कवि :- अमृत साहू
English Translation of the Above Poem
About Sun Light (Poem)
temple statue
Moonlight face
Gives light to the house
does not live on the ground
home is its whole sky
despite having seven colors
live a simple life
If you are thirsty in summer
Drinks river, sea water
Powerful among gods
your name is sun god
New planets are its protectors
heat your job
by the rays of the sun
the trees have found greenery
by its brilliance
The moon has got cold
Earth rotates round the clock
to get sunlight
sun light is the best energy
don't let it go in vain
when the sun will set
the earth will be dark
the whole world is small then
Will be confined to the streets.
Poet :- Amrit Sahu
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