Zindagi Ki Ganit - जिंदगी की गणित Hindi Poem On " Math Of Life" written by Amrit Sahu
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जिंदगी की गणित
संघर्षो से जूझकर
चुनौतियो से लड़ना
सिखाता हैं गणित
समय के साथ चलना
समय का सदुपयोग
समय का महत्व
बताता हैं गणित
निरस स्वयं हैं
बड़ा ही दुखमय
पर बन जाये तो
मन बहलाता हैं गणित
जीवन की वास्तविकता
सच्चाई के साथ बताकर
ज्ञानी बनाता हैं गणित
जीवन का ख्वाब
पूरा कर
हर प्रश्नो का जवाब
दे जाता हैं गणित
दूर भागने लगोगे इससे
तो बड़ी ही हँसी
उड़ाता हैं गणित
जान जाओगे इसे
तो मदमस्त हवा का झोका
बन जाता हैं गणित
हर अंधेरा दूर कर
अंधविश्वास को दूर कर
रोशनी से सुसज्जित राह
दिखाता हैं गणित
मेहनत न करने पर
बड़ा ही रूलाता हैं गणित
लगन से कर्म करने पर
हर दर्द को मिटाता हैं गणित
मेरे सपनो की रंगीन दुनिया
सजाता हैं गणित
भूलकर भी भूल न सका
बड़ा ही याद आता हैं गणित ।
कवि :- अमृत साहू
English Translation of the Above Poem
Math of Life
struggling with struggles
to face challenges
teaches math
keep up with the times
good use of time
importance of time
tells math
are self
very sad
but if it becomes
mind boggling maths
reality of life
telling the truth
math makes wise
dream of life
having completed
answer every question
gives maths
will run away from it
so laughing
blows math
you will know it
so gust of wind
math becomes
remove all darkness
dispel superstitions
lighted path
shows maths
without working hard
maths makes me cry
by working diligently
Mathematics removes every pain
the colorful world of my dreams
maths decorates
could never forget
I miss maths a lot.
Poet :- Amrit Sahu
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