Galti Meri Nahi - गलती मेरी नहीं Hindi Poem On "Not My Fault" Written by Amrit Sahu
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गलती मेरी नहीं
रंगहीन फूलों की सेज पर बैठा हूँ
दूख जैसी कुछ खुशी लिए फिरता हूँ
वास्तविकता है चाँद में रोशनी नहीं पर
अंधविश्वास की सीढ़ी चढ़ने लगा हूँ
जीने की इच्छा होती नहीं
इतनी ही खुशी हैं मुझको
कर्म किया हैं इतना
जवाब देना हैं उनको
धरती से लिया कुछ
अंबर ने दिया कुछ
मिलने से बनने लगे
मेरे सारे दुख भी सुख
झोपड़ी से निकला जब बाहर
देखी मैंने इमारते बड़ी
जीवन जीना सीख गया
तब मौत सामने हैं खड़ी
मृतक, अमृत माँगे नहीं
अमृत माँगे हैं अमीर
गरीबी से तो अच्छा हैं
मर जाए यह शरीर
मृत ही अब प्यारी हैं
बस यही एक शर्त हमारी हैं ।
कवि :- अमृत साहू
English Translation of the Above Poem
Not My Fault
sitting on a bed of colorless flowers
I walk for some happiness like sorrow
The reality is there is no light in the moon but
climb the ladder of superstition
didn't want to live
I am so happy
have done so much
they have to answer
something taken from earth
Sky gave something
began to meet
all my sorrows also happiness
When out of the hut
I saw buildings big
learned to live
then death is in front
The dead did not ask for nectar
The rich have asked for nectar
better than poverty
die this body
dead are cute now
This is our only condition.
Poet :- Amrit Sahu
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