Chalo Thoda Paap Kar Le - चलो थोड़ा पाप कर ले Hindi Poem on " Let's Sin A Little" written by Amrit Sahu
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चलो थोड़ा पाप कर ले
चलो थोड़ा पाप कर ले
थोड़ा ईश्वर का जाप कर ले
पैसा बोलता हैं
सब राज खोलता हैं
चोरी करो पैसे
जादूगर हो कोई जैसे
दिल की जेब में भरो
और सब को दु:खी करो
क्योंकि इस कलयूग में
सभी देखते हैं झूठी शान
पर दिल कोई नही देखता
क्योंकि सब हैं बैईमान
दिल तो पत्थर हैं
ये मोमबत्ती नही
जो जला दी तो पिघल गई
और दिल की तिजोरी
यूँ ही खुल गई
पर पापियों इसका
दर्दनाक परिणाम देख लो
पाप करने वाले मनुष्य पर
पाप खखार मारकर थूकती हैं
पापी मुख पर
और काले काले धूएँ फूँकती हैं
उसकी भूख पर
लाल-लाल गंदे घाव उभर आते हैं
बनता बदसूरत हर पल हैं चेहरा
और हो जाता हैं उस पर
मख्यिओ का हर दम ही बसेरा
यही धरती नर्क बन जाता हैं
जब चेहरे पर लगे घाव से
खून-मवाद मुख की ओर
बढ़ा चला आता हैं
पापी रोता हुआ सोचता होगा
अपने मन में
पर चीख उठा होगा क्या हैं
इस माटी के तन में
सपने भयानक आते होंगे उसको
गहरी नींद और भीतर कफन में
गंभीर चित्त से सोचता होगा
वो जीवन के पापी सुनहरे दिन
पर ह्रदय की बेचैनी और दुख
क्यो नजरे जमाए बैठी हैं
उसके सम्मुख
चीखता-चिल्लाता रोता गाता
पागल पापी पाप पर पछताता
पर उस दर्द से छुटकारा नही
और हरदम दु:ख का झंड़ा लहराता
साला झूठा पापी फिर भी
यही कहता होगा
क्यो मुझ गरीब के साथ ऐसा हुआ
पलभर में जिंदगी हारा जैसे कोई जुआ
तभी तो मैं कहता हूँ दोस्तो
चलो थोड़ा पूण्य कमा ले
अपनी रूठी जिंदगी को
फिर से मना ले
सिर्फ ऐसी एक दवा हैं
जो पाप की इस कोयले को
धोकर सफेद करे
अति खुशी मिलेगी तुम्हे
पाप की ये दुनिया खोकर
देखना एक बार तुम भी
पुण्य की सच्ची फसल बोकर ।
कवि :- अमृत साहू
English Translation Of the Above Poem
Let's Sin A little
let's sin a little
chant some god
money talks
reveal all secrets
steal money
be a magician
fill the pocket of the heart
and make everyone sad
Because in this Kali Yuga
all see false pride
but no one sees the heart
because everyone is dishonest
hearts are stones
it's not a candle
what is burnt then melted
and heart vault
just opened
but the sinners
see painful results
on the sinner
spit on sin
on the sinner's mouth
and blows black smoke
on his hunger
red, dirty sores emerge
Every moment the face becomes ugly
and gets on
Every breath of the chiefs
this earth becomes hell
when the wound on the face
bloody pus side of the mouth
let's go up
the sinner would think crying
in your mind
But what would have been screaming
in the body of this soil
he must have terrible dreams
in deep sleep and within the shroud
would think seriously
those sinful golden days of life
But the restlessness and sorrow of the heart
why are you staring
in front of him
scream and cry
mad sinner regrets sin
But there is no relief from that pain
And always waving the flag of sorrow
Bad liar sinner still
would say that
why did this happen to me poor
Lost life in a moment like a gamble
That's why I say friends
let's earn a little
your rough life
refuse again
There is only one such medicine
Who takes this coal of sin
wash white
you will be very happy
losing this world of sin
see you once
By sowing a true crop of virtue.
Poet :- Amrit Sahu
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