Mera Gaon - मेरा गाँव Hindi Poem on "My Village" written by Amrit Sahu
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मेरा गाँव
निर्मल छाया हैं मेरे गाँव में
कलियों की खुश्बु मेरे गाँव में
तन पे पड़ती सुर्य की लाली
जिंदगी मैं यही जीया
जन्मभूमी हैं मेरी
माँ का आंचल मेरे गाँव में
मिट्टी की खुश्बु मेरे गाँव में
चारो तरफ हैं उजियारा
बिच में पड़ गया गाँव हमारा
अमोरा में हर चीज हैं पाई
पर यहा बिजली की चमक नही आई
ऐसी चीज के लिया गाँव वाले
हैं मृतक, फिर भी
निर्मल छाया हैं मेरे गाँव में
कलियों की खुश्बु मेरे गाँव में
पंछियो की आवाज गुंजती हैं
तितलिया पग को चुमती हैं
चाँदनी सी शीतलता हैं मेरे गाँव में
बचपन की खुशी हैं मेरे गाँव में
हरियाली की चमक-धमक
फैली हैं उस क्षितिज तक
पाने की कल्पना करता हूँ
पर अफसोस अक्सर में
भूल जाता हूँ
क्षितिज पा लेना सम्भव नही इसलिए
नीलिमा की सुंदरता मेरे गाँव में
निर्मल छाया हैं मेरे गाँव में
कलियों की खुश्बू मेरे गाँव में ।
कवि :- अमृत साहू
English Translation of the Above Poem
My Village
There are pure shadows in my village
the smell of buds in my village
redness of the sun falling on the body
this is the life i lived
my native land
Mother's circle in my village
The smell of soil in my village
There is light all around
Our village fell in the middle
Everything is found in Amora
But there was no lightning
Villagers for such a thing
are dead, yet
There are pure shadows in my village
the smell of buds in my village
the sound of birds reverberates
butterfly kisses the feet
Moonlight is cool in my village
The happiness of childhood is in my village
glow of greenery
extends to that horizon
imagine getting
But often I
forget
it is not possible to get the horizon
Sky's beauty in my village
There are pure shadows in my village
The smell of buds in my village.
Poet :- Amrit Sahu
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