धैर्य का लाभ In Hindi Panchtantra Moral Stories
धैर्य का लाभ In Hindi Panchtantra Moral Stories
In Hindi Panchtantra Moral Stories
एक बार एक राजा अपना निजी सहायक नियुक्त करना चाहता था। इस वजह से महल में उम्मीदवारों की भारी भीड़ जमा हो गई। राजा सभी उम्मीदवारों की परीक्षा लेने के लिए उन्हें एक तालाब पर ले गया और बोला, “जो कोई इस बर्तन को तालाब के पानी से भर देगा,
मैं उसी को अपना निजी सहायक नियुक्त करूंगा। लेकिन हाँ, मैं आप सबको यह अवश्य बताना चाहूँगा कि इस बर्तन में एक छेद है।” कुछ लोग तो कोशिश किए बिना ही वहाँ से चले गए।
कुछ लोग कोशिश करने के बाद वहाँ से चले गए। लेकिन एक व्यक्ति धैर्यपूर्वक बर्तन में पानी भरने की कोशिश में लगा रहा। उसने बर्तन में पानी भरा और उसे जमीन पर हल्का -सा गाड़ कर रख दिया।
लेकिन कुछ ही देर में पूरा पानी जमीन पर फैल गया। इसी तरह कोशिश करते-करते अन्ततः तालाब खाली हो गया। उस व्यक्ति को खाली तालाब से एक हीरे की अंगूठी मिली।
उसने अंगूठी राजा को दे दी। राजा उसकी ईमानदारी पर प्रसन्न होते हुए बोला, “यह अंगूठी तुम ही रख लो। यह तुम्हारे धैर्य एवं परिश्रम का इनाम है। और आज से तुम मेरे निजी सहायक हो।” किसी ने ठीक ही कहा है कि धैर्य का फल मीठा होता है।
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