चालाक लोमड़ी और बंदर Latest Hindi Panchtantra Moral Stories
चालाक लोमड़ी और बंदर Latest Hindi Panchtantra Moral Stories
Latest Hindi Panchtantra Moral Stories
एक बार जंगल के सभी जानवरों ने मिल कर एक पार्टी का आयोजन किया। सभी जानवरों ने बड़े उत्साह के साथ उसमें भाग लिया। उनमें से बंदर सबसे ज्यादा उत्साहित था।
उसने खुब नृत्य किया और सभी जनवरों का बहुत मनोरंजन किया। खुश होकर सभी जानवरों ने मिलकर उसे अपना राजा बना लिया। परंतु लोमड़ी को बंदर का राजा बनना पसंद नहीं आया वह इस बात से बहुत निराशा हुई।
एक दिन लोमड़ी को एक जाल मिला, जिसमें माँस का एक टुकड़ा फँसा हुआ था। उसे एक उपाय सूझा। उसने बंदर को खाने पर बुलाया और कहा-“बंदर महाराज, देखिए! मैंने आप के लिए मांस रखा हुआ है।”
बंदर बिना सोचे-समझे, मांस को पकड़ने गया और जाल में फँस गया। जब बंदर ने लोमड़ी को इस हरकत के लिये डांटा, तो लोमड़ी ने उसका मज़ाक उड़ाते हुए कहा- “तुम राजा बनने लायक ही नहीं हो क्योंकि तुममें खतरे को भाँपने की समझ नहीं है।” यह सुनकर बंदर बहुत शर्मिंदा हुआ और उसे अपनी गलती का एहसास हो गया।
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