सफलता का मंत्र New Panchtantra Moral Stories In Hindi
सफलता का मंत्र New Panchtantra Moral Stories In Hindi
New Panchtantra Moral Stories In Hindi
एक बार दो चूहे खेल रहे थे। वे एक-दूसरे के पीछे-पीछे दौड़ रहे थे वे दौड़ते-दौड़ते एक दुग्धशाला में पहुंच गए। वहाँ भी एक-दूसरे के पीछे दौड़ते-दौड़ते वे दोनों दूध से भरे हुए एक बड़े से बर्तन में गिर गए।
वे दोनों ही तैरना नहीं जानते थे। इसलिए वे डूबने लगे। दोनों अपनी-अपनी जिंदगी बचाने के लिए संघर्ष करने लगे। थोड़ी देर बाद उनमें से एक चूहा बोला,
“प्रिय मित्र, मुझे लगता है कि हम डूब जाएँगे और हमें अब कोई नहीं बचा सकता।” दूसरा चूहा बोला, “मैं इस विपदा के समय धैर्य नहीं छोड़ना चाहिए और कोशिश जारी रखनी चाहिए।”
लेकिन पहले चूहे ने कोशिश नहीं की और वह दूध में डूब गया। दूसरे चूहे ने अपने दोस्त को दूध में डूबता देख बाहर आने के लिए और तेजी से तैरने की कोशिश शुरू की।
उसकी इस कोशिश से दूध मथने लगा और थोड़ी ही देर में मलाई की एक मोटी परत दूध की सतह पर आ गई। चूहा किसी प्रकार उस मलाई की परत पर चढ़ा और फिर उसने बर्तन से बाहर छलाँग लगा दी।
किसी ने ठीक ही कहा है कि व्यक्ति को तब तक प्रयास करते रहना चाहिए, जब तक वह अपने मकसद में सफल न हो जाए।
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