कुएँ की कहानी Unique Panchtantra Moral Stories In Hindi
कुएँ की कहानी Unique Panchtantra Moral Stories In Hindi
Unique Panchtantra Moral Stories In Hindi
एक बार की बात है। एक राज्य में भयंकर सूखा पड़ गया। राजा ने अपने सिपाहियों को सभी जगह पानी ढूँढने का आदेश दिया। एक सिपाही बाजार पहुँचा और उसने एक दुकानदार से पूछा, “मुझे पानी कहाँ मिलेगा?
” दुकानदार बोला,”यहाँ पानी तो कहीं भी नहीं है। यदि तुम चाहो तो बर्फ की यह सिल्ली ले सकते हो। वास्तव में यह जमा हुआ पानी है।” सिपाही अपने साथ बर्फ लेकर चल दिया।
न तो उसने और न ही राजा ने पहले कभी बर्फ देखी थी। रास्ते में बर्फ की सिल्ली पिघलकर बर्फ के छोटे-छोटे टुकड़ों में परिवर्तित हो गई। बर्फ के छोटे-छोटे टुकड़ों को देखकर राजा ने सोचा कि ये अवश्य ही पानी के बीज हैं।
इसलिए उसने अपने सिपाहियों को बर्फ के उन टुकड़ों को भूमि में बो देने का आदेश दिया, जिससे पानी के पेड़ की प्राप्ति हो सके। लेकिन बोते-बोते बर्फ की बूंदें पिघल गई और भूमि ने जल को अवशोषित कर लिया।
जब बर्फ का पेड़ नहीं उगा तो राजा ने अपने सिपाहियों से बर्फ वापस प्राप्त करने के लिए जमीन खोदने को कहा। उन्होंने भूमि को गहराई तक खोदा और बर्फ की जगह उसमें पानी पाया। पानी देखकर वे बड़े खुश हुए। इस प्रकार से कुओं की रचना हुई।
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