Abraham Lincoln biography in hindi: अब्राहम लिंकन की जीवनी।
Abraham Lincoln biography in hindi: अब्राहम लिंकन की जीवनी।
अमेरिका के सबसे लोकप्रिय राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन, जिन्होंने अमेरिका में ही नहीं पूरी दुनिया में दास प्रथा को खत्म करने में अपना अहम योगदान दिया है। Abraham Lincoln ने अपने जीवन में इतना संघर्ष किया है कि उनके जितना और कोई नहीं कर सकता। इस बायोग्राफी में आप जानोगे कि कैसे अब्राहम लिंकन ने अपनी जीवन में ये मुकाम हासिल किया और क्यों इतनी लोकप्रियता हासिल की।
अब्राहम लिंकन अमेरिका के सोलहवें राष्ट्रपति थे, जिन्होंने 4 मार्च 1861 को राष्ट्रपति का पद ग्रहण किया। अब्राहम लिंकन पहले रिपब्लिकन थे, जो अमेरिका के राष्ट्रपति बने। इनका जन्म 12 फ़रवरी 1809 एक गरीब अश्वेत परिवार में हुआ था। अब्राहम लिंकन अमेरिका के सबसे लोकप्रिय राष्ट्रपतियों में से एक थे, जो कि अपने प्रेरणादायक विचारों और अपने संघर्ष भरे जीवन के लिए जाने जाते हैं। 15 अप्रैल 1865 को अमेरिका के राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन की मृत्यु हो गई।
जीवन परिचय
अब्राहम लिंकन ( Abraham Lincoln ) का जन्म 12 फरवरी 1809 को अमेरिका के केंटुकी राज्य में स्थित हार्डिंग काउन्टी नाम के एक जगह पर हुआ था। उनके पिता का नाम थॉमस लिंकन और माँ का नाम नैन्सी लिंकन था। अब्राहम लिंकन के अलावा उनकी एक बड़ी बहन भी थी, जिसका नाम सारा लिंकन था। उनका पूरा परिवार बहुत ही गरीब था। और खुद के बनाए हुए एक लकड़ी के मकान में रहता था। थॉमस और नैन्सी को अब्राहम के बाद एक और पुत्र हुआ जिसकी बचपन मेँ ही मृत्यु हो गयी थी। लिंकन के पिता थॉमस एक किसान थे, और साथ ही साथ वह बड़ई का भी काम करते थे।
लिंकन के जन्म के दो सालों के बाद ही जमीन के विवाद की वजह से लिंकन परिवार को वह जगह छोड़ना पड़ी। इसके बाद 1811 में वे वहाँ से 13 किलोमीटर दूर रहने लग गए और वहाँ पर उन्होंने जमीन को खेती के लायक बनाकर काम करना शुरू किया। लेकिन कुछ समय के बाद यहाँ पर भी उन्हें जमीनी विवाद झेलना पड़ा और फिर से उस जगह को भी छोड़कर जाना पड़ा। इसके बाद 1816 में लिंकन परिवार इंडियाना की किसी नदी के किनारे आकर बस गये जहाँ पर उन्होंने घने जंगल में खेती करना शुरू किया और उस जगह को रहने लायक बनाया. आज भी उनके घर और खेतों को एक स्मारक के रूप में सुरक्षित रखा हुआ है
लिंकन के जन्म के दो सालों के बाद ही जमीन के विवाद की वजह से लिंकन परिवार को वह जगह छोड़ना पड़ी। इसके बाद 1811 में वे वहाँ से 13 किलोमीटर दूर रहने लग गए और वहाँ पर उन्होंने जमीन को खेती के लायक बनाकर काम करना शुरू किया। लेकिन कुछ समय के बाद यहाँ पर भी उन्हें जमीनी विवाद झेलना पड़ा और फिर से उस जगह को भी छोड़कर जाना पड़ा। इसके बाद 1816 में लिंकन परिवार इंडियाना की किसी नदी के किनारे आकर बस गये जहाँ पर उन्होंने घने जंगल में खेती करना शुरू किया और उस जगह को रहने लायक बनाया. आज भी उनके घर और खेतों को एक स्मारक के रूप में सुरक्षित रखा हुआ है
शिक्षा
अब्राहम लिंकन जब 6 साल के हुए तब उन्हें एक स्कूल में पढ़ने के लिए भेजा गया. वह पढ़ने में तो अच्छे थे, लेकिन उनके काम करना पसंद नहीं था जिसकी वजह से उनके पडोसी उन्हें आलसी भी कहा करते थे। लेकिन घर की आर्थिक स्थिती को देखते हुए उन्हें खेतों में काम करके अपने पिता का हाथ बंटाना पड़ता था। और उनके पिता भी कभी नहीं चाहते थे कि वह पढ़ाई लिखाई करे, जिसकी वजह से कुछ ही दिनों में अब्राहम को पढ़ाई छोड़नी पड़ी.
उनकी शुरूआती पढाई किसी स्कूल के बजाय घूमते-फिरते शिक्षको से हुई थी, जिसकी वजह से अब्राहम लिंकन काफी कम समय में काफी कुछ सिख चुके थे। उस वक्त वह दूसरों से किताबें लेकर जब भी वक्त मिलता पढ़ने लगते थे।
Abraham Lincoln Love Story In Hindi
अब्राहम लिंकन जब 6 साल के हुए तब उन्हें एक स्कूल में पढ़ने के लिए भेजा गया. वह पढ़ने में तो अच्छे थे, लेकिन उनके काम करना पसंद नहीं था जिसकी वजह से उनके पडोसी उन्हें आलसी भी कहा करते थे। लेकिन घर की आर्थिक स्थिती को देखते हुए उन्हें खेतों में काम करके अपने पिता का हाथ बंटाना पड़ता था। और उनके पिता भी कभी नहीं चाहते थे कि वह पढ़ाई लिखाई करे, जिसकी वजह से कुछ ही दिनों में अब्राहम को पढ़ाई छोड़नी पड़ी.
उनकी शुरूआती पढाई किसी स्कूल के बजाय घूमते-फिरते शिक्षको से हुई थी, जिसकी वजह से अब्राहम लिंकन काफी कम समय में काफी कुछ सिख चुके थे। उस वक्त वह दूसरों से किताबें लेकर जब भी वक्त मिलता पढ़ने लगते थे।
Abraham Lincoln Love Story In Hindi
अब्राहम लिंकन को 24 साल की उम्र में एक लड़की से मोहब्बत हो गयी. जिसका नाम ऐना रूटलेज था, लेकिन दुर्भाग्य से कुछ दिनों के बाद ही उनकी प्रेमिका ऐना रूटलेज की एक गंभीर बीमारी से मृत्यु हो गई। जिसके बाद अब्राहम को गहरा सदमा पहुंचा था. जिसके बाद वह घंटो घंटो तक अपनी प्रेमिका की कब्र के पास बैठकर रोया करते थे। अब्राहम लिंकन के जीवन में सब कुछ उनसे बिछड़ता जा रहा था। कुछ समय बाद उनके एक मित्र ने उनका मनोबल बढ़ाया और उनको डिप्रेशन से बाहर निकाला।
Career And Life Struggle
अब्राहम के पिता बिल्कुल भी नहीं चाहते थे, कि वो पढ़ाई लिखाई करे, इसलिए अब्राहम खुद का खर्च चलाने के लिए एक नौका वाहक (नावं चलाने वाला ) बनकर माल ढोने का काम शुरू कर दिया, और साथ ही लोगों के खेतों में जाकर काम भी करते थे।
कुछ समय बाद अब्राहम की एक दुकान में नौकरी लग गयी और वहाँ उन्हें पढ़ाई का भी थोड़ा समय मिलने लगा। जहा पर रहते हुए उन्होंने अपने दम पर बिना किसी कॉलेज के लॉ की पढ़ाई शुरू कर दी थी । लॉ की पढ़ाई के समय ही उन्हें पता चला कि नदी के दूसरी तरफ गांव में एक रिटायर्ड जज रहते हैं, जिनके पास लॉ की बहुत सारी किताबें है।
किताबों को पढ़ने के लिए करना पड़ा काम
अब्राहम ने उन बुक्स के लिए उनके पास जाना तय किया। उन दिनों बहुत ही कड़ाके की ठंड पड़ रही थी। लेकिन अब्राहम ने परवाह न करते हुए बर्फीली नदी में अपनी नाव उतार दी जो की थोड़ी दूर जाने पर एक बर्फ़ से टकरा टूट गयी. फिर भी अब्राहम ने हार नहीं मानी और तैरते हुए नदी को पार कर उस जज के घर पहुँच गए. और उन किताबों को पढ़ने की लिए उन जज से प्राथना की जज ने उनकी लगन को देखते हुए उन्हें अपनी सारी किताबों को पढ़ने की अनुमति दे दी.
लेकिन उस समय जज के घर पर काम करने वाला नौकर छुट्टी पर था, जिसकी वजह से उन्होंने अब्राहम को अपने घर के कामों को करने के लिए कहा। जिसे अब्राहम ने भी खुशी खुशी स्वीकार कर लिया. वे उन रिटायर्ड जज का हर जरूरती काम करते। जिसके बदले उन्हें उनके मन की किताबो को पड़ने की अनुमति मिलती, लेकिन लिंकन इससे भी बहुत खुश थे।
कुछ समय बाद वो एक गांव में पोस्टमास्टर बन गए, जिसकी वजह से लोग उन्हें जानने लग गए थे. अब्राहम लिंकन ने स्थानीय लोगों की परेशानी को देखते हुए राजनीति में घुसने का सोचा क्योंकि उस समय दास प्रथा काफी ज्यादा चरम पर था। अब्राहम को गुलामों पर हो रहे अत्याचारों से सख्त नफरत थी। और वो दास प्रथा को खत्म करना चाहते थे। इसी विचार के साथ उन्होंने राजनीति में कदम रखा और विधायक का चुनाव लड़ा, लेकिन उस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। चुनाव लड़ते समय अब्राहम ने पोस्टमास्टर की नौकरी भी छोड़ दी थी। जिससे उन्हें पैसों की बहुत कमी हो गयी थी |
Biography Of Abraham Lincoln in Hindi
जिसके बाद फिर से अब्राहम ने विधायक का चुनाव लड़ा। और इस बार वह चुनाव जीत गए.उस जीत के बाद अब्राहम की गिनती सबसे युवा विधायकों में की जाने लगी। और फिर उन्होंने युवाओं को अपनी ओर आकर्षित किया. जिसके बाद विधानसभा में वह खुलकर बोलने लगे जिसकी वजह से वहाँ भी उनकी बातों को महत्व दिया जाने लगा था।
अब्राहम लिंकन को लौ की पढाई के बाद वकील बनने के लिए लाइसेंस मिल भी गया था। वो गरीबों से केस लड़ने के लिए पैसे नहीं लिया करते थे. और उन्होंने पूरा जीवन कभी भी झूठा मुकदमा नहीं लड़ा। जिसकी वजह से अब्राहम वकालत में भी असफल हो गए लेकिन उन्होंने असफल सही लेकिन तक़रीबन 20 सालों तक वकालत की क्योंकि उस काम से उन्हें मानसिक शांति मिलती थी।
1842 ये वो साल था, जब अब्राहम लिंकन ने Mary नाम की एक लड़की से शादी कर ली। जिसका पूरा नाम Mary Todd Lincoln था. मेरी ने चार बेटों को जन्म दिया था। लेकिन उनमें से केवल एक ही बेटा जीवित रह सका जिसका नाम उन्होंने रॉबर्ट रखा। और बाकी सभी बच्चों की बचपन में ही मृत्यु हो गई थी।
राष्ट्रपति का पद
1860 में अब्राहम संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़े. जिसके बाद वह 4 मार्च 1861 को अमेरिका के 16 में राष्ट्रपति बने और उन्होंने अपने जीवन की सबसे बड़ी सफलता हासिल की. राष्ट्रपति बनने के बाद अब्राहम ने ऐसे महत्वपूर्ण कार्य किए जिनका पूरी दुनिया आजतक प्रसंशा करती है.अब्राहम की सबसे बड़ी उपलब्धि अमेरिका को गृह युद्ध से निकलना था और साथ ही अमेरिका के संविधान में दास प्रथा का भी अंत किया.
अब्राहम लिंकन की मृत्यु
14 अप्रैल 1865 यह वो दिन था, जब राष्ट्रपति लिंकन और उनकी पत्नी मैरी वॉशिंगटन DC में फोर्ड थिएटर में एक नाटक देखने आए थे, जहाँ एक मशहूर अभिनेता जॉन वाइक्स बूथ ने उन्हें गोली मार दी थी । और अगले ही दिन 15 अप्रैल 1865 को अब्राहम लिंकन की मौत हो गई.और उन्हें इस दुनिया से अलविदा कहना पड़ा।
राष्ट्रपति का पद
1860 में अब्राहम संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़े. जिसके बाद वह 4 मार्च 1861 को अमेरिका के 16 में राष्ट्रपति बने और उन्होंने अपने जीवन की सबसे बड़ी सफलता हासिल की. राष्ट्रपति बनने के बाद अब्राहम ने ऐसे महत्वपूर्ण कार्य किए जिनका पूरी दुनिया आजतक प्रसंशा करती है.अब्राहम की सबसे बड़ी उपलब्धि अमेरिका को गृह युद्ध से निकलना था और साथ ही अमेरिका के संविधान में दास प्रथा का भी अंत किया.
अब्राहम लिंकन की मृत्यु
14 अप्रैल 1865 यह वो दिन था, जब राष्ट्रपति लिंकन और उनकी पत्नी मैरी वॉशिंगटन DC में फोर्ड थिएटर में एक नाटक देखने आए थे, जहाँ एक मशहूर अभिनेता जॉन वाइक्स बूथ ने उन्हें गोली मार दी थी । और अगले ही दिन 15 अप्रैल 1865 को अब्राहम लिंकन की मौत हो गई.और उन्हें इस दुनिया से अलविदा कहना पड़ा।
हम आशा करते है की आपको हमारी पोस्ट, Abraham Lincoln biography in hindi: अब्राहम लिंकन की जीवनी। जरूर पसंद आयी होगी।
Post a Comment