सास-बहू नकली दूध बना गुजरात में अमूल को भेजती: कब्ज की दवा और रिफाइंड ऑयल से रोजाना बना रहे थे 2 हजार लीटर दूध
सास-बहू नकली दूध बना गुजरात में अमूल को भेजती: कब्ज की दवा और रिफाइंड ऑयल से रोजाना बना रहे थे 2 हजार लीटर दूध
राजस्थान के अलवर में लगातार नकली दूध का कारोबार पनपता जा रहा है। इससे पूर्व भी सरस डेयरी के चेयरमैन की टीम ने कार्रवाई करते हुए इस अवैध कारोबार का खुलासा किया था। और, अब एक बार फिर से एक घर से 2 हजार लीटर नकली दूध पकड़ा गया है।
टीम जब मौके पर पहुंची तो हैरान रह गई थी कि घर में सास-बहू मिलकर रोजाना 2 हजार लीटर नकली दूध बना रही थी। इतना ही नहीं ये दूध गुजरात के मेहसाणा स्थित अमूल दूध के कलेक्शन सेंटर पर भी भेजा जा रहा था।
मामला जिले के गोदाेज गांव का है। यहां डेयरी, मेडिकल और पुलिस टीम ने मिलकर सुबह 5 बजे गांव के शेखर यादव और अशोक यादव के घर छापा मारा और बड़ी मात्रा में नकली दूध और सामान बरामद किया।
मामला जिले के गोदाेज गांव का है। यहां डेयरी, मेडिकल और पुलिस टीम ने मिलकर सुबह 5 बजे गांव के शेखर यादव और अशोक यादव के घर छापा मारा और बड़ी मात्रा में नकली दूध और सामान बरामद किया।
डेयरी चेयरमैन विश्राम गुर्जर ने बताया कि बहरोड़ के गादोज गांव में नकली दूध बनाने की शिकायत मिली थी। बताया जा रहा था कि यहां से दूध शहरों में सप्लाई किया जा रहा था टीम ने शेखर यादव के यहां से 450 लीटर दूध और अशोक यादव के यहां से 1600 लीटर दूध मिला।
उन्होंने बताया कि जब शेखर यादव के घर पहुंचे तो यहां सास-बहू मिलकर मिक्सी में नकली दूध तैयार कर रही थी। टीम को देखते ही दोनों गिड़गिड़ाने लगी।
इसी घर में नकली दूध बनाया जा रहा था। ये मिक्सी में नकली दूध तैयार कर रहे थे।
हम देसी नुस्खे से पहचान सकते हैं दूध असली या नकली
एक्सपर्ट का दावा हैै कि घर पर असली या नकली दूध की पहचान करना मुश्किल है। लेकिन, हम दूध की सुगंध से इसकी पहचान कर सकते हैं।
जिस दूध में डिटर्जेंट और सोर्बिटोल मिलाने में फर्क आ जाता है। वह दूध की सुगंध को बदल देता है। असली दूध बहुत ज्यादा सफेद नहीं होता है।
इधर, पनीर को भी देखते ही नहीं बता सकते हैं कि ये असली है या नकली। लेकिन, इसके टेस्ट और स्पंजी नेचर से पता कर सकते हैं कि पनीर कैसा होगा। नकली पनीर में चिकनाहट ज्यादा होगी और इसका टेस्ट भी अलग होगा।
मिलावटखोरों को बचाती है कब्ज की दवाई
दरअसल, दूध और पनीर के टेस्ट के लिए SNF (सॉलिड नेट फैट) और RM-BR की जांच की जाती है।
इन दोनों एलीमेंट में प्रोटीन, कार्बोहाड्रेट, विटामिन व मिनरल होते हैं। इसके अलावा बीआर-आरएम का मतलब दूध में नेचुरल फैट से होता है। दूध में बीआर की मात्रा 40-43 और आरएम 28 के करीब होता है। जब दूध की जांच की जाती है तो बीआर-आरएम के मानक कम आने पर मिलावट पकड़ी जाती है।
और, सोर्बिटोल को इसलिए दूध में मिलाया जाता है कि मिलावटखोर पकड़े नहीं जाए। सोर्बिटोल दूध में नेचुरल फैट को बनाए रखता है। ये दूध और पनीर में नेचुरल फैट को बराबर करने का काम करता है।
इसी तरह में सॉलिड फैट 50 पर्सेंट तक होना जरूरी है। सोर्बिटोल यानी कब्ज की दवाई पनीर में भी इस फैट को बनाए रखती है ताकि पनीर स्पंजी रहे।
सास-बहू रिफाइंड ऑयल से बना रही थी नकली दूध
चेयरमैन ने बताया कि शेखर यादव के घर जब टीम पहुंची तो यहां नकली दूध बनाने का काम किया जा रहा था। महिलाएं टीम को देख घबरा गई और छोड़ देने को कहा।
शेखर के यहां से 12 टीन रिफाइंड ऑयल, चार कट्टे मिल्क पाउडर, 14 कैन दूध मिला। मौके पर जब जांच की तो सामने आया कि ये सारा नकली दूध है, जिसे मौके पर ही नष्ट किया गया।
प्रारंभिक जांच में सामने आया कि ये रिफाइंड ऑयल, पाउडर और सोर्बिटोल (कब्ज की दवा) को मिलाकर दूध बना रहे थे।
चेयरमैन ने बताया कि शेखर यादव के घर जब टीम पहुंची तो यहां नकली दूध बनाने का काम किया जा रहा था। महिलाएं टीम को देख घबरा गई और छोड़ देने को कहा।
शेखर के यहां से 12 टीन रिफाइंड ऑयल, चार कट्टे मिल्क पाउडर, 14 कैन दूध मिला। मौके पर जब जांच की तो सामने आया कि ये सारा नकली दूध है, जिसे मौके पर ही नष्ट किया गया।
प्रारंभिक जांच में सामने आया कि ये रिफाइंड ऑयल, पाउडर और सोर्बिटोल (कब्ज की दवा) को मिलाकर दूध बना रहे थे।
अमूल के अलावा जयपुर और कोटपुतली तक होता था सप्लाई
डेयरी की टीम ने महिलाओं और गांव के लोगों से पूछताछ की तो पता चला कि इन्होंने अमूल दुग्ध समिति मेहसाना की भी एजेंसी थी। ये यहां से नकली दूध बनाकर अमूल को भेजते थे। इसके अलावा ये नकली दूध कोटपूतली, अलवर, नीमराना समेत जयपुर के आस-पास इलाकों में भी सप्लाई होता था।
ये रोजाना 2 हजार लीटर दूध बनाकर अलग-अलग डेयरियों मेंं सप्लाई कर रहे थे। हालांकि इनसे जानकारी जुटाई जा रही है कि ये किन-किन डेयरियों को नकली दूध भेजते थे।
डेयरी की टीम ने महिलाओं और गांव के लोगों से पूछताछ की तो पता चला कि इन्होंने अमूल दुग्ध समिति मेहसाना की भी एजेंसी थी। ये यहां से नकली दूध बनाकर अमूल को भेजते थे। इसके अलावा ये नकली दूध कोटपूतली, अलवर, नीमराना समेत जयपुर के आस-पास इलाकों में भी सप्लाई होता था।
ये रोजाना 2 हजार लीटर दूध बनाकर अलग-अलग डेयरियों मेंं सप्लाई कर रहे थे। हालांकि इनसे जानकारी जुटाई जा रही है कि ये किन-किन डेयरियों को नकली दूध भेजते थे।
हम देसी नुस्खे से पहचान सकते हैं दूध असली या नकली
एक्सपर्ट का दावा हैै कि घर पर असली या नकली दूध की पहचान करना मुश्किल है। लेकिन, हम दूध की सुगंध से इसकी पहचान कर सकते हैं।
जिस दूध में डिटर्जेंट और सोर्बिटोल मिलाने में फर्क आ जाता है। वह दूध की सुगंध को बदल देता है। असली दूध बहुत ज्यादा सफेद नहीं होता है।
इधर, पनीर को भी देखते ही नहीं बता सकते हैं कि ये असली है या नकली। लेकिन, इसके टेस्ट और स्पंजी नेचर से पता कर सकते हैं कि पनीर कैसा होगा। नकली पनीर में चिकनाहट ज्यादा होगी और इसका टेस्ट भी अलग होगा।
मिलावटखोरों को बचाती है कब्ज की दवाई
दरअसल, दूध और पनीर के टेस्ट के लिए SNF (सॉलिड नेट फैट) और RM-BR की जांच की जाती है।
इन दोनों एलीमेंट में प्रोटीन, कार्बोहाड्रेट, विटामिन व मिनरल होते हैं। इसके अलावा बीआर-आरएम का मतलब दूध में नेचुरल फैट से होता है। दूध में बीआर की मात्रा 40-43 और आरएम 28 के करीब होता है। जब दूध की जांच की जाती है तो बीआर-आरएम के मानक कम आने पर मिलावट पकड़ी जाती है।
और, सोर्बिटोल को इसलिए दूध में मिलाया जाता है कि मिलावटखोर पकड़े नहीं जाए। सोर्बिटोल दूध में नेचुरल फैट को बनाए रखता है। ये दूध और पनीर में नेचुरल फैट को बराबर करने का काम करता है।
इसी तरह में सॉलिड फैट 50 पर्सेंट तक होना जरूरी है। सोर्बिटोल यानी कब्ज की दवाई पनीर में भी इस फैट को बनाए रखती है ताकि पनीर स्पंजी रहे।
Source: dainik-bhaskar
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